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यशाकांत सिंह ने लखनऊ में बस्ती का झंडा गाड़ा

यशाकांत सिंह ने लखनऊ में बस्ती का झंडा गाड़ा

-कहा कि जिस तरह ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाता, उसी तरह क्षेत्र पंचायतों को भी किया जाए, ताकि क्षेत्र पंचायतों का भी मनोबल बढ़ सके

-क्षेत्र पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र पंचायत में बड़े-बड़े आरआरसी बनना चाहिए, ताकि कचरे को रिसाइकिल करके उसे आरईडी और पीएमजीएसवाई को बेचा जा सके

-कहा कि सर्वाधिक उपेक्षा की शिकार क्षेत्र पंचायतें ही अब तक रही, बजट में 15 फीसद के स्थान पर 20 फीसद करने की आवाज उठाई

-आरबीआई का डाटा बताते हुए कहा कि देश की जीडीपी में पंचायती राज सस्ंथानों का 2.4 फीसद योगदान, जो एतिहासिक कार्य

-कहा कि जीएसटी के मामले में पंचायतों का बड़ा योगदान, प्रदेश को दूसरे स्थान से पहले स्थान पर लाने के लिए 2.80 लाख करोड़ का बजट होना चाहिए, तब उत्तम प्रदेश और देश विकसित राष्ट बन सकेगा

-प्रमुख ने अपने ब्लॉक के रिपोर्ट कार्ड को 16वें केंद्रीय आयोग के सदस्यों के सामने रखा, जिसकी सराहना नीति आयोग के उपाध्यक्ष अशोक पंखड़िया ने किया, और रिपोर्ट कार्ड फोटो भी खिंचवाया

-कहा कि क्षेत्र पंचायतें, ग्राम पंचायतें और जिला पंचायत के बीच का सेतु का काम कर रहा हैं, अगर सेतु ही कमजोर रहेगी तो कैसे जीडीपी दर बढ़ेगा?

बस्ती। हालही में लखनऊ में हुई 16वें केंद्रीय वित्त आयोग की बैठक में रामनगर के प्रमुख एवं पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष यशंकात सिंह पहले ऐसे आमंत्रित सदस्य रहे, जिन्होंने आयोग को सबसे अधिक सुझाव दिया। कहा कि क्षेत्र पंचायतें सबसे अधिक उपेक्षा की शिकार रही। यहां तक कि 14वें केंद्रीय वित्त आयोग में क्षेत्र पंचायतों का बजट जीरो रहा। प्रमुख संघ के काफी प्रयास करने के बाद 15वें वित्त आयोग में क्षेत्र पंचायतों के लिए 15 फीसद बजट का प्राविधान हुआ। उन्होंने 16वें केंद्रीय विता आयोग के बजट में 15 से बढ़कर 20 फीसद करने दमदारी से आवाज उठाया, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी के मामले में पंचायतों का बड़ा योगदान, प्रदेश को दूसरे स्थान से पहले स्थान पर लाने के लिए उन्होंने सात हजार छह सौ करोड़ से बढ़ाकर 2.80 लाख करोड़ का बजट करने का सुझाव दिया, कहा कि होना तब उत्तम प्रदेश और देश विकसित राष्ट बन सकेगा। कहा कि जिस तरह ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाता, उसी तरह क्षेत्र पंचायतों को भी किया जाए, ताकि क्षेत्र पंचायतों का भी मनोबल बढ़ सके, क्षेत्र पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र पंचायत में बड़े-बड़े आरआरसी बनना चाहिए, ताकि कचरे को रिसाइकिल करके उसे आरईडी और पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण में दसे इस्तेमाल किया जा सके। आरबीआई का डाटा बताते हुए कहा कि देश की जीडीपी में पंचायती राज सस्ंथानों का 2.4 फीसद योगदान, जो एतिहासिक कार्य है। कहा कि अगर बजट बढ़ा दिया गया तो जीडीपी में पंचायती राज संस्थानों का योगदान तीन फीसद तक हो सकता है। जोर देकर कहा कि जीडीपी दर बढ़ाना हैं, तो 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के बजट को 2.80 लाख करोड़ करना होगा। कहा कि 2011 की जनगणना के हिसाब से 15वें वित्त आयोग का बजट मात्र 7600 करोड़ था। कहा कि क्षेत्र पंचायतें, ग्राम पंचायतें और जिला पंचायत के बीच का सेतु का काम कर रहा हैं, अगर सेतु ही कमजोर रहेगी तो कैसे जीडीपी दर बढ़ेगा? इस लिए जरुरी है, कि क्षेत्र पंचायतों को बढ़ावा दिया जाए, उन्हें भी पुरस्कृत किया जाए। उनका बजट बढ़ाया जाए। प्रमुख ने अपने ब्लॉक के रिपोर्ट कार्ड को 16वें केंद्रीय आयोग के सदस्यों के सामने रखा, जिसकी सराहना नीति आयोग के उपाध्यक्ष अशोक पंखड़िया ने किया, और रिपोर्ट कार्ड फोटो भी खिंचवाया। बैठक के बाद अन्य आमंत्रित सदस्यों ने यशंकात सिंह के दिए गए सुझाव की सराहना किया। ऐसा लगता है, मानो बैठक में जाने से पहले प्रमुखजी ने खूब होमवर्क किया होगा।

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