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विभाजन का दर्द केवल जीवन हानि तक सीमित नहीं थाःधमेंद्र सिंह

विभाजन का दर्द केवल जीवन हानि तक सीमित नहीं थाःधमेंद्र सिंह

-जिस समाज को अपना अतीत ज्ञात नहीं, वह समाज सोया हुआ माना जाताःविवेकानंद मिश्र

बस्ती। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर भाजपा कार्यालय में भावपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पहले शास्त्री चौक तक मौन पैदल यात्रा निकाली गई, जिसमें विभाजन के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वाले बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई। यात्रा के बाद सभागार में दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई तथा विभाजन की त्रासदी से जुड़े अभिलेखों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानन्द मिश्र ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में एमएलसी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष डा धर्मेन्द्र सिंह उपस्थित रहे। इस अवसर पर विभाजन विभीषिका पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई, जिसने वहां मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष डा धर्मेन्द्र सिंह ने आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले वीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि तत्कालीन अविभाजित भारत के 1946-47 के दौरान हुई हिंसा और दंगों की व्यापकता व क्रूरता ने मानवता पर गहरे प्रश्नचिन्ह लगाए हैं। विभाजन का दर्द केवल जीवन हानि तक सीमित नहीं था, बल्कि यह दूसरे धर्म की सांस्कृतिक और भौतिक पहचान को मिटाने का प्रयास भी था। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त का दिन भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की उस काली याद को संजोने का दिन है।

जिलाध्यक्ष विवेकानन्द मिश्र ने कहा कि 1947 में आजादी मिलने के साथ ही हुए बंटवारे ने लाखों परिवारों को विस्थापन और पीड़ा दी। इस स्मृति दिवस का उद्देश्य उस दर्दनाक इतिहास को याद रखना और उससे सीख लेकर राष्ट्र को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा, जिस समाज को अपना अतीत ज्ञात नहीं, वह समाज सोया हुआ माना जाता। इस मौके पर सरदार प्रभुप्रीत सिंह, यशकांत सिंह, सुशील सिंह, पवन कसौधन, विश्वजीत सिंह, दयाराम चौधरी, रवि सोनकर, गोपेश्वर त्रिपाठी, राजेश पाल चौधरी, अनिल दुबे, आशा सिंह, सुरेन्द्र तिवारी, अंकुर वर्मा, बाल कृष्ण त्रिपाठी, दिनेश प्रताप सिंह, रघुनाथ सिंह, प्रत्युष विक्रम सिंह ध्रुव सिंह, अमृत कुमार वर्मा, दिलीप पाण्डेय, राजकुमार शुक्ल, मनोज सिंह, सच्चिदानन्द पाण्डेय, केके दुबे, रोली सिंह, योगेन्द्र सिंह, अरविन्द श्रीवास्तव, जगदीश शुक्ल, कृष्णचंद्र सिंह, परमेश्वर शुक्ल सहित अनेक कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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