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महंत रविंद्र पुरी, जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं, ने आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में सनातन धर्म, कुंभ मेला, गंगा की पवित्रता, राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी स्पष्ट राय रखी, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अहम मानी जाती है।
महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि 'शाही स्नान' का नाम बदलकर 'अमृत स्नान' करना अधिक उपयुक्त है। उनके अनुसार, यह नाम गंगा जल की पवित्रता और शुद्धता को बेहतर तरीके से दर्शाता है और सनातन धर्म की महिमा का प्रतीक है।
उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य हिंदू-मुसलमान विवाद को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि धर्म और संस्कृति की रक्षा करना है।
महंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया और कहा कि उनके नेतृत्व में सनातन धर्म सुरक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में हिंदू समाज अधिक एकजुट हुआ है।
महंत रविंद्र पुरी ने गंगा जल को अमृत समान बताया और कहा कि इसे स्वच्छ और पीने योग्य बनाए रखने के लिए सरकार और संतों का निरंतर प्रयास जारी है। उन्होंने कुंभ मेले को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि भारत अब हिंदू राष्ट्र के रूप में उभर चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह विचार और सशक्त हुआ है।
महंत ने कहा कि मुसलमानों के कुंभ में आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करना होगा। उनका मानना था कि शांति और सद्भाव बनाए रखना सभी का दायित्व है।
महंत ने 'सनातन बोर्ड' के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वक्फ बोर्ड को जमीनें और सुविधाएं मिलती हैं, उसी प्रकार सनातन धर्म को भी समान अधिकार मिलने चाहिए।
महंत रविंद्र पुरी के विचार देश के धार्मिक और सामाजिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखे जा रहे हैं।
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