Breaking News
  1. No breaking news available
news-details
राज्य

सेप्टिक टैंक’ में ‘खजाना’ ढूढ़ रहे ईओ ‘पालिका’

सेप्टिक टैंक’ में ‘खजाना’ ढूढ़ रहे ईओ ‘पालिका’

-गढ़ा मुर्दा उखाड़कर पैसा कमाने आए ईओ अंगद गुप्त, ने ऐसी नियुक्ति कर डाली जिसे अनैतिक मानकर पूर्व के कई ईओ ने नियुक्ति करने से मना कर दिया था, इन्होंने आते ही नियुक्ति कर डाली

-नियम कानून को ताक पर रखकर इन्होंने मोहित कुमार की नियुक्ति सफाई कर्मी पर कर दी, नियमानुसार उस परिवार के किसी भी व्यक्ति को मृतक आश्रित योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता, जिसके माता और पिता दोनों कार्यरत हो

-जबकि मोहित कुमार के पिता देव प्रकाश और माता मालती दोनों नगर पालिका में कार्यरत रहे, जिसमें पिता देव प्रकाश का मृत्यु हो गई

-पिता का निधन 23 सिंतबर 22 को हुआ बेटे ने नौकरी के लिए आवेदन मई 23 में किया गया, लेकिन जैसे ही ईओ ने बस्ती ज्वाइन किया वैसे ही मिली पुरानी फाइल निकलवाई और पहली अगस्त 25 को नियुक्ति कर दिया

-नियम विरुद्व की गई नियुक्ति को लेकर भानु प्रकाश चर्तुेवेदी ने प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर ईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की

-इसी तरह ईओ एक बाबू की नियुक्ति के मामले में भी ईओ फंसे हुए है, जिसका खुलासा होने जा रहा

बस्ती। पालिका के लोगों का कहना और मानना हैं, कि अंगद गुप्त पहले ऐसे ईओ हैं, जो सेप्टिक टैंक में भी खजाना ढूढ़ते है। यह बस्ती में गढ़े मुर्दे उखाड़कर पैसा कमाने आए है। यह पहले ऐसे ईओ हैं, जो कर्मचारियों से गाली से बात करते है। कर्मचारी विरोध इस लिए नहीं करते क्यों कि वह खुद गलत रहते है। वरना किसी भी ईओ की इतनी हिम्मत नहीं कि वह कार्यालय में कर्मचारियों के साथ गाली गलौज करें। भले ही यह चाहें अपने आप को विभागीय मंत्री का करीबी कहे, लेकिन इनका जो कार्य करने और बातचीत करने की शैली हैं, अगर उसमें सुधार नहीं हुआ, तो किसी दिन कार्यालय में ही ऐसी घटना हो जाएगी, जो पालिका के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा, अभी पशुओं के चारा खाने का मामला ठंडा नहीं हुआ था कि अवैधानिक तरीके से मृतक आश्रित पर सफाई कर्मी की नियुक्ति करने का मामला सामने आ गया। इसका खुलासा करते हुए भानु प्रकाश चर्तुेवेदी ने प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर ईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि इन्होंने एक ऐसे मोहित कुमार नामक व्यक्ति की नियुक्ति सफाई कर्मी के पद कर दी, जिसे करने के लिए पिछले चार-पांच ईओ ने मना कर दिया था। इन ईओ साहब की हिम्मत तो देखिए इन्होंने आर्थिक लाभ के लिए ऐसे व्यक्ति को मृतक आश्रित पर नियुक्ति कर दी, जो किया ही नहीं जा सकता, क्यों कि नियमानुसार उस परिवार के किसी भी सदस्य की नियुक्ति मृतक आश्रित पर नहीं की जा सकती, जिसके माता और पिता दोनों कार्यरत हो। क्यों कि मृतक आश्रित का लाभ उस परिवार के उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिस परिवार में कोई कमाउ व्यक्ति न हो। लेकिन ईओ साहब ठहरे सेप्टिक टैंक से खजाना निकालने वाले तो इन्होंने नियम कानून को दरकिनार करके मनमाने तरीके से मोहित कुमार की नियुक्ति कर दी, क्यों कर दी और कैसे कर दी? इसका जबाव तो इन्हें प्रमुख सचिव को देना है। अगर इन्होंने धन, बल और राजनैतिक संबधों का दुरुपयोग नहीं किया तो इन्हें बस्ती से निलंबित होकर जाना पड़ सकता है? क्यों कि जो शिकायत की गई, उसमें हाईकोर्ट के कई निर्णय और शासनादेश का हवाला दिया गया है।

आइए हम आपको बताते हैं, कि इन्होंने किस तरह नियम कानून से बाहर जाकर नियुक्ति की, और वह भी तीन साल बाद। देव प्रकाश नामक सफाई कर्मी की मृत्यु 23 सितंबर 22 को हुई। देव प्रकाश की पत्नी मालती भी पालिका में सफाई कर्मी के पद पर तैनात है। इनके पुत्र मोहित कुमार ने मृतक आश्रित पर नौकरी के लिए 17 मई 23 को आवेदन किया, अब जरा अंदाजा लगाइए कि मृत्यु 23 सिंतबर 22 को होती है, और नौकरी के लिए आवेदन 17 मई 23 यानि एक साल बाद किया जाता है, इनकी नियुक्ति आवेदन के दो साल तक नहीं होती, इस लिए नहीं नियुक्ति हुई क्यों कि यह नौकरी पाने के अधिकार ही रखते। मोहित कुमार के लिए अचानक भगवान बनकर ईओ अंगद गुप्त बस्ती आ गए, और उन्होंने आव देखा और न ताव देखा और हाल ही में मृतक आश्रित पर नौकरी पाई महिला स्थापना लिपिक को मोहरा बनाकर पत्रावली तैयार करवाया और कुछ ही घंटों में नियम विरुद्व नियुक्ति कर दिया। मैडम चेयरपर्सन ने भी अनुमोदन कर दिया। यह तो तय हैं, कि न तो अनुमोदन और न नियुक्ति अंजाने और नियम कानून की जानकारी न होने के कारण हुआ, बल्कि सोचसमझ और एक साजिश के साथ नियुक्ति की गई। अगर ईओ साहब ने अंजाने में यह नियुक्ति की है, जिसकी संभावना न के बराबर हैं, तो गलती मानी जा सकती है, और गलती मानकर ईओ को नियुक्ति को निरस्त कर देना चाहिए। लेकिन अगर जाबूझकर नियुक्ति की गई है, तो कई सवालों का जबाव देने को ईओ को तैयार रहना पड़ेगा। वैसे भी यह एक बाबू की नियुक्ति के मामले में फंसे हुए हैं, अगर कहीं इसका भी खुलासा हो गया तो यह अपने साथ चेयरर्पन को भी ले जाएगें।

You can share this post!

‘हरीश सिंह’ ने रेडक्रास सोसायटी के ‘अध्यक्ष’ और सचिव पर ठोंका 20 लाख का ‘दावा’

हरैया’ महिला अस्पताल से ‘डॉक्टर’ रहे नदारद, मरीज ‘हलकान’!

Tejyug News LIVE

Tejyug News LIVE

By admin

No bio available.

0 Comment

Leave Comments