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‘नलकूप’ निर्माण में हुआ ‘करोड़ों’ का ‘घोटाला’
-पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने खोली नलकूप विभाग के भ्रष्टाचार की पोल, सीएम को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार की जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
बस्ती। वैसे नलकूप विभाग में सालों से नलकूप के नाम पर घोटाला हो रहा है, लोग सवाल उठाते, सीएम को लिखते, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। क्यों कि अधिकतर शिकायतें न जाने क्यों यह कर वापस ले ली जाती है, कि किसी ने उनके पैड का दुरुपयोग किया। इस बार पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने नलकूप विभाग के भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए सीएम को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार की जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग है। पत्र में करोड़ों रुपये की लागत से बनी 60 नलकूपों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि विभाग और कार्यदाई संस्था ने मिलकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया और सरकार की छवि खराब की। बताया कि पगार बीजी 360, रानीपुर 361 बीजी, बेलाड़ी 339 बीजी, प्रसादपुर 347 बीजी, अगाई भगाड़ 359 बीजी, पिड़ावल 348 बीजी, माड़न 337 बीजी, चरर्कअला 357 बीजी, रोवागोवा 358 बीजी, कुड़हवा 356 बीजी, बरतनिया 344 बीजी, परमेंष्वरम 352 बीजी, महुआ मिश्र 347 बीजी, परिवारपुर 246 बीजी, बिजौरा 289 बीजी, घुसुड़िया, अमरौना 351 बीजी, मूड़ाडीहा, मझौवाकुंवर, बेलभरिया, निपनियां, कनरखपुर, करनाई, उमराखास, मकदूमपुर 350 बीजी, गोआगोवा, कुड़वा, सुकरौली, अमरीना, गुदीगांव, धोरहरी, संताससना 349 बीजी सहित कुल 60 नलकूप का निर्माण हुआ और इन पर 12 करोड़ षासन स्तर से भेजा गया। कहा कि इन 60 नलकूपों के निर्माणपर व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया, मानकविहीन कार्य किए गए। सोयम ईटं या मोरगं की जगह बालू का अधिक इस्तेमाल किया गया। 12 सौ मीटर लाइन बिछाने के स्थान पर कहीं सात सौ तो कहीं एक हजार बिछाया गया। किसानों का कहना है, कि इस विभाग में पानी के नाम पर घोटाला होता है। नाली के निर्माण पर घोटाला होता, कल पुर्जे के नाम पर घोटाला, स्टार्टर के नाम पर घोटाला होता है। कहने का मतलब कोई भी ऐसी चीज नहीं बची जिसमें इस विभाग में घोटाला न होता हो।
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