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क्या आप को लगता कि यह कोई सरकारी अस्पताल

क्या आप को लगता कि यह कोई सरकारी अस्पताल?

-तैनाती होने के बाद भी इस सरकारी अस्पताल में 10 साल से डाक्टर झांकने तक नहीं आए

-चौंकिए मत अस्पताल की ओपीडी डाक्टर नहीं, फार्मासिस्ट नहीं बल्कि चपरासी करता

-अस्पताल का नाम रंगों से नहीं बल्कि कोयला से लिखा गया, वह भी नाम गलत लिखा

-अस्पताल के रखरखाव में इन दस सालों में न जाने कितना धन आया होगा, कहां चला गया किसी को पता नहीं

-इस अस्पताल को सीएचसी/पीएचसी में मर्ज होना था, लेकिन डा. जगदीश यादव ने नहीं किया, जिसके चलते एक ही छत के नीचे तीनों पैथ की सुविधा देने की सरकार की मंशा धूमिल हो रही

बस्ती। विकास खंड बनकटी के षुभकर फिरोजपुर पटटी में एक राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित है। इस सरकारी अस्पताल को देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि यह भी कोई सरकारी अस्पताल भी होगा। इस अस्पताल में डा. जगदीश यादव की तैनाती पिछले दस सालों से रही, लेकिन आरोप हैं, कि इन्होंने एक बार भी अस्पताल में आकर ओपीडी नहीं किया, जानकार हैरानी होगी कि यहां की ओपीडी डाक्टर नहीं चपरासी काफी दिनों से कर रहा है। अस्पताल का नाम रंगों से नहीं बल्कि कोयला से लिखा गया, वह भी नाम गलत लिखा है। अस्पताल के रखरखाव में इन दस सालों में न जाने कितना धन आया होगा, कहां चला गया किसी को पता नहीं। इस अस्पताल को 2019-20 में ही सीएचसी/पीएचसी में मर्ज होना था, लेकिन डा. जगदीष यादव ने नहीं किया, जिसके चलते एक ही छत के नीचे तीनों पैथ की सुविधा देने की सरकार की मंशा धूमिल पूरी नहीं हो सकी। यह वही अस्पताल हैं, जहां पर धूल मिटटी और बालू का चूरन मरीज को दवा के नाम पर दिया जाता हैं, इसमें ओपीडी करने वालों की कोई गलती हैं, डाक्टर साहब जो दवा उपलब्ध कराएगें वहीं मरीजों को मिलेगा। डाक्टर साहब को शासन का आदेश मानने में भी कोई रुचि नहीं है। कोरोना काल के दौरान सरकार ने एक आदेश पारित किया कि एक ही छत के नीचे तीनों पैथ की सुविधा मिले, ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके। लेकिन आज तक डाक्टर साहब ने निकट के सीएचाी/पीएचसी में मर्ज नहीं किया। डाक्टर साहब की लापरवाही के चलते यह सरकारी अस्पताल मजाक बनकर रह गया है। दस सालों में यह तक देखने नहीं गए कि अस्पताल कैसा चल रहा है, क्या-क्या जरुरतें है। यह सही है, कि अगर कोई अधिकारी अस्पताल की जांच करने चला गया तो वह सबसे पहले डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेगा। जो काम डा. जगदीष यादव को करना चाहिए वह काम चपरासी धीरेंद्र चौधरी कर रहा है। इस क्षेत्र के लोगों ने आज तक अपने डाक्टर को नहीं देखा, इलाज कराना तो बहुत दूर की बात है।

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