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‘कुलविंदर सिंह’ के ‘2930’ दिन बनाम ‘डा. प्रमोद चौधरी’ के ‘221’ दिन!

‘कुलविंदर सिंह’ के ‘2930’ दिन बनाम ‘डा. प्रमोद चौधरी’ के ‘221’ दिन!

-अगर डा. प्रमोद चौधरी एंड टीम ने रेडक्रास के पूर्व सचिव से कुछ सीखा होता तो आज यह दिन न देखना पड़ता और न पूरी दुनिया में रेडक्रास सोसायटी की बदनामी ही होती

-कौन भूल सकता है, कोरोना काल का समय, और कौन भूल सकता है, जान हथेली पर रखकर सेवा करने वाले कुलविंदर सिंह मजहबी को

-एक रेडक्रास सोसायटी की वह टीम थी, जिसने न रात देखा और न दिन लगे रहे निस्वार्थ सेवा करने में

-एक यह रेडक्रास सोसायटी की टीम है, जिसके पदाधिकारियों पर डोनेटेड ब्लड और पद का दुरुपयोग करने तक का आरोप लग रहा

बस्ती। खराब मैनेजमेंट और मनमानी तरीके से कार्य करने के चलते जिस तरह रेडक्रास सोसायटी की बदनामी हो रही है, उसे देखते हुए ही रेडक्रास सोसायटी के कार्यकारिणी सदस्य अशोक कुमार सिंह, उमेश चन्द्र श्रीवास्तव, इमरान अली, राहुल श्रीवास्तव, हरीश सिंह, कुलवेन्द्र सिंह ने डीएम, उप मुख्यमंत्री वृजेश पाठक, महासचिव रामानन्द कटियार और राज्यपाल को पत्र भेजकर कमेटी को भंग कर नयी कमेटी बनाने की मांग किया। लोग रेडक्रास सोसायटी के पूर्व सचिव ‘कुलविंदर सिंह’ के ‘2930’ दिन और ‘डा. प्रमोद चौधरी’ के ‘221’ दिन में अंतर करने लगे है। कहा भी जा रहा है, कि अगर डा. प्रमोद चौधरी एंड टीम ने रेडक्रास सोसायटी के पूर्व सचिव से कुछ सीखा होता या राय मशविरा किया होता तो आज यह दिन न देखना पड़ता और न पूरी दुनिया में रेडक्रास सोसायटी की बदनामी ही होती। कौन भूल सकता है, कोरोना काल का समय, और कौन भूल सकता है, जान हथेली पर रखकर सेवा करने वाले कुलविंदर सिंह मजहबी को। एक, रेडक्रास सोसायटी की वह टीम थी, जिसने न रात देखा और न दिन, लगे रहे निस्वार्थ सेवा करने में। एक यह रेडक्रास सोसायटी की टीम है, जिसके पदाधिकारियों पर डोनेटेड ब्लड और पद का दुरुपयोग करने तक का आरोप लग रहा। चुनाव के पहले इस नामी संस्था का नाम हमेषा समर्पण, अनुशासन और त्याग के रुप में जाना जाता था। कहा भी जाता है, कि जब कोई स्वयं सेवी संस्था के पदाधिकारी व्यक्तिगत महत्वकाक्षाओं के रास्ते चल पड़ता हैं, तो वह अपने मूल सिद्धांत से हट जाता है, और तब अविष्वास प्रस्ताव जन्म लेता है। बार-बार सवाल उठ रहा है, कि क्या रेडक्रास सोसायटी पहले जैसी स्थित में आ पाएगी, या फिर इससे भी खराब दिन आने वाले है? लोगों का मानना और कहना है, कि अविष्वास प्रस्ताव से पहले नैतिकता के नाम पर अगर डा. प्रमोद कुमार चौधरी एंड टीम इस्तीफा दे देती है, तो स्थित पहले जैसी हो सकती है, अब यह डा. प्रमोद चौधरी एंड टीम को निर्णय लेना हैं, क्यों कि गेंद अब उनके ही पाले में है। टीम को ऐसे मौके पर बहुत ही सूझबूझ और समझदारी से निर्णय लेना होगा, इसी में रेडक्रास सोसायटी और टीम की भलाई छिपी है। रेडक्रास सोसायटी के पूर्व सचिव कुलवेन्द्र सिंह, कार्यकारिणी सदस्य डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि रेडक्रास सोसायटी मानव सेवा से जुड़ी विश्व स्तर की सबसे बड़ी संस्था है। बस्ती में कोरोना संकट काल के दौरान सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया गया और बस्ती की जनता ने कुलवेन्द्र सिंह के कार्यो को देखते हुये लगभग 32 लाख रूपये से अधिक दान दिया। कुलविंदर सिंह के नाम पर देश-विदेश के लोगों ने दान दिया। दुर्भाग्य से नयी कार्यकारिणी के कुछ लोग रेडक्रास सोसायटी की गरिमा के साथ ही खिलवाड़ करने लगे। यही नहीं प्रबन्ध समिति के सदस्य हरीश सिंह को अकारण हटा दिया गया। अब यह कार्यकारिणी विवादों की भेंट चढ़ चुकी है। यहां पर किसी विशेष व्यक्ति के कार्यो को बताने का प्रयास नहीं किया जा रहा है, बल्कि एक आइना दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बताने का प्रयास किया जा रहा है, कि सेवा किसी पद की मोहताज नहीं होती, अगर किसी व्यक्ति में मानव सेवा को लेकर समर्पण की भावना है, तो उस व्यक्ति के बारे में जानने का सभी को हक हैं, और उन लोगों के बारे में भी जानने का हक है, जो सेवा को कम और पद को अधिक महत्व देते है।

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