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गाज गिरानी थी, सीनियर फार्मासिस्ट पर गिरा दी जूनियर पर!

गाज गिरानी थी, सीनियर फार्मासिस्ट पर गिरा दी जूनियर पर!

बस्ती। नगर पंचायत रुधौली के शांति नगर वार्ड में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुधौली में शनिवार को दोपहर लगभग दो बजे मुख्य चिकित्साधिकारी रमाकांत दुबे ने औचक निरीक्षण किया, जहां पर उन्हें ड्रेसिंग रूम में अव्यवस्था मिला, जिसके लिए सीनियर फार्मासिस्ट को जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी थी, लेकिन उनके खिलाफ ना करके जूनियर फार्मासिस्ट का वेतन रोक दिया, फटकार भी जूनियर को लगाया, और एक सप्ताह के लिए प्रषिक्षण पर भेजने का आदेष भी सुनाया, वहीं जिस सीनियर फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी थी, और जिसके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए था, उने क्लीन चिट देकर पुरस्कार दे दिया, यह पुरस्कार किस अच्छे कार्य के लिए सीएमओ ने दिया यह चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती द्वारा औचक निरिक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है, सीएमओ साहब को वहां पर मौजूद अन्य डॉक्टरों के द्वारा बाहर की दवा लिखना क्यों नहीं दिखाई दिया? यह भी चर्चा का विषय बना हुआ, उगंलिया तो सीएमओ के कामकाज पर भी उठ रही है।

सीएमओ साहब को बाहर चल रहे अवैध पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर भी दिखाई नहीं दिया, क्यों नहीं दिखाई दिया? या फिर ना देखने की फीस दी गई, या भी चर्चा का विषय है। नगर पंचायत रुधौली क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग सेंटरों पर क्यों साधी चुप्पी, कुछ दूर पर स्थित डिप्टी सीएमओ द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल पर क्यों नहीं कि जांच,क्या कभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी अस्पताल परिसर में करते हैं रात्रि निवास आदि पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। सबसे बड़ी बात जिलाधिकारी के समाधान दिवस के दिन ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रूधौली कुल 78 एक्स-रे कितना जल्दी कर दिया गया यह एक बड़ा सवाल व जांच का विषय बना हुआ है। जब ड्रेसिंग रूम में सीनियर फार्मासिस्ट मरीज का प्राथमिक उपचार कर रहा था जबकि जूनियर फार्मासिस्ट अन्य कमरे में दूसरे मरीज का प्राइमरी ट्रीटमेंट कर रहा था यदि निलंबन अथवा वेतन रोकने का काम करना ही था तो सीनियर का ना रोककर जूनियर का क्यों किया गया जबकि ड्रेसिंग रूम में जूनियर था ही नहीं। यदि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सही रूप से जांच करते तो इनके अलावा भी डाटा एंट्री ऑपरेटर, एकाउंटेंट मैनेजर, बीपीएम आदि का भी वेतन रोकने। सूत्रों की माने तो सीएमओ के साथ चलने वाले दो अन्य गुर्गे नंबरों से कॉल कर सीएमओ बस्ती के आवास पर मिलने के लिए फोन कर रहे हैं। इसके पहले ही भ्रष्टाचार को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय काफी चर्चा में रहा। मीडिया टीम के पड़ताल में पाया गया कि जांच के दौरान जूनियर फार्मासिस्ट दूसरे कमरे में एक मरीज को इंजेक्शन लगा रहे थे, तो फिर वेतन क्यों रोका गया? सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुधौली में मौजूद कैमरे में सारी सीसीटीवी फुटेज को देखा जाए तो पता चलेगा कि जूनियर दोषी है, या फिर सीनियर फार्मासिस्ट।

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