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डा. राजेश पटेल क्या आप के पास यूरो सर्जन की डिग्री?

डा. राजेश पटेल क्या आप के पास यूरो सर्जन की डिग्री?

-और जब नहीं हैं, तो कैसे कर रहें आप प्रोस्टेट, गुर्दे में पथरी का इलाज और आपरेशन?

-डिग्री हैं, नहीं और खोल दिया आपने क्योर मल्टीस्पेशिलिटी हास्पिटल डाक्टर साहब आप का तो वीआरएस भी मंजूर नहीं हुआ तो कैसे नर्सिगं होम खोलकर प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहें

-जिले में एक भी यूरोलाजिस्ट नहीं हैं, फिर भी अधिकांश डाक्टर यूरो सर्जन बनकर अवैध रुप से इलाज और आपरेशन कर रहा

-जिस तरह शर्माजी के पास न्यूरो की डिग्री नहीं फिर भी वह न्यूरो सर्जन बन आपरेशन कर रहे और मरीज को मार रहें, उसी तरह क्या आप का भी मरीज मारने इरादा रखते

बस्ती। जिले के सरकारी अस्पतालों के डाक्टर्स वीआरएस को मजाक बनाकर रख दिया है। वीआरएस का मतलब यह लोग इस्तीफा मानकर न सिर्फ नियम विरुद्व प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं, बल्कि नर्सिगं होम भी खोलकर धड़ल्ले से मरीजों को बेवकूफ भी बना रहें। यह लोग सीएमओ और प्रषासन को भी बेवकूफ बना रहे है। इसी कड़ी में एक नया नाम जुड़ गया डाक्टर राकेश पटेल का। इन्होंने जिला अस्पताल में नाम और पैसा दोनों कमाया और अब अधिक पैसा कमाने के चक्कर में दुनिया को बेवकूफ बना रहे है। जब तक यह जिला अस्पताल में रहे, तब तक इन्होंने अपने हुनर का इस्तेमाल मरीजों के बेहतर इलाज के लिए नहीं किया, लेकिन जैसे ही इन्होंने क्योर मल्टीस्पेशिलिटी हास्पिटल खोला सारा हुनर खोलकर रख दिया। अस्पताल खोलते ही यह जो नहीं हैं, वह भी बनने का प्रयास कर रहे हैं, जाहिर सी बात है, कि अगर इनके पास यूरो सर्जन की डिग्री नहीं है, तो यह कैसे दूरबीन विधि से पेषाब के रास्ते में सिकुड़न एवं पथरी का इलाज और आपरेशन कर रहे है? कैसे यह प्रोस्टेट का इलाज और आपरेशन कर रहे हैं? कैसे यह गुर्दे में पथरी का इलाज एवं पीसीएनएल आपरेशन कर रहे है? डाक्टर साहब अगर कोई मरीज आपरेशन से मर गया तो कौन जिम्मेदार होगा? डाक्टर साहब जिस तरह सूर्या वाले डा. शर्मा ने न्यूरो सर्जन न होते हुए एक आदमी का न्यूरो का आपरेशन कर दिया, और नस फटने के कारण उसकी मौत हो गई, क्या आप भी किसी मरीज को मारना चाहते हैं? डाक्टर राजेष पटेलजी आप जिसके विशेषज्ञ हैं? उसी का ही इलाज और आपरेशन करिए, नहीं तो आप की भी वही स्थित हो जाएगी जो डा. एसके गौड़ की हो गई। अधिक धन कमाने के चक्कर में कहीं बहुत कुछ खोना न पड़े। डाक्टर साहब आप अच्छी तरह जानते हैं, कि जिले में एक भी यूरो सर्जन नहीं है, तो फिर आप कैसे बिना डिग्री के यूरो सर्जन बने हुए है। कहीं आप यूरो सर्जन की कमी का फायदा तो नहीं उठाना चाहते? डाक्टर पटेलजी आप एक नहीं दो-दो नियम विरुद्व काम कर रहे हैं, पहला बिना वीआरएस मंजूर हुए आप प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं, दूसरा यूरो सर्जन न होने के बाद भी आप यूरो सर्जन बने हुए है। डाक्टर साहब मल्टीस्पेलिटी हास्पिटल खोलने का मतलब यह है, नहीं कि आप मनमानी करें, किसी दिन फंस जाइए तो आप को पता चलेगा कि फर्जीवाड़ा करने से क्या होता है? आप के पास एमबीबीएस एमएस की डिग्री हैं, उसी का सही तरीके से इस्तेमाल करिए सफल रहिएगा। जो आप नहीं हैं, वह बनने का प्रयास करेगें तो नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

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