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भ्रष्टाचारियों ने पत्रकार को मारापीटा मोबाइल तोड़ दिया
बस्ती। वैसे भी भ्रष्टाचारियों के निशाने पर हमेशा पत्रकार ही रहते है। कहने का मतलब अगर पत्रकार अगर भ्रष्टाचारियों को समाज और सरकार का दुष्मन मानता है, तो भ्रष्ट प्रधान और उनके चंगुमंगू पत्रकारों को अपना सबसे बड़ा दुष्मन मानते है। पत्रकार और भ्रष्टाचार की लड़ाई बहुत पुरानी है। पता नहीं कितने पत्रकार इस लड़ाई में अपनी जाने तक गवां बैठे है। चूंकि पत्रकार के पास हथियार के रुप में सिर्फ और सिर्फ कलम ही होता है, इस लिए भ्रष्टाचारी जब चाहते हैं, अपना शिकार बना देते है। यह सही है, कि प्रधान बेलगाम हो चुके हैं, वह चाहते हैं, कि उनके भ्रष्ट कामों में कोई हस्तक्षेप न करें। यह लोग अधिकारियों को मैनेज कर लेते हैं, लेकिन पत्रकार को नहीं कर पाते, इसी लिए यह पत्रकार को अपना सबसे बड़ा दुष्मन मानते है। ऐसे लोगों की नजर पत्रकार उनके गलत कामों में बाधा डालने वाला होता है। जब भी किसी पत्रकार ने किसी प्रधान या अन्य के भ्रष्ट कामों का विरोध किया, उसे अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। पत्रकारों के साथ जिस तरह से हिंसक कार्रवाई भ्रष्ट प्रधान को लोग कर रहे हैं, उससे पूरी पत्रकार बिरादरी प्रभावित हो रही है। ईमानदारी से अपना काम करने वाले पत्रकारों को समझ में ही नहीं आता है, वह पत्रकारिता करें तो केैसे करें? बहरहाल, थाना गौर के ग्राम पंचायत बैदोलिया निवासी पत्रकार धीरेंद्र बहादुर सिंह के साथ भी एक ऐसी घटना घटी जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। इनकी गलती यह थी, कि इन्होने पत्रकारिता धर्म निभाने का प्रयास किया, लेकिन यही बात भ्रष्ट लोगों को अच्छा नहीं लगा। दर्ज कराए गए एफआईआर में कहा गया कि वह 18 जुलाई 25 को सुबह 7.35 बजे जेसीबी से रानू यादव, अजय यादव, अमित यादव और शुभम यादव ग्राम खजुरिया श्रीनेत्र में खुदाई कर रहे थे। जब इसकी जानकारी लेने का प्रयास किया तो एक होकर सभी लोग जानलेवा हमला कर दिया। मोबाइल छीन लिया, पटक दिया, स्क्रीन तोड़ दिया, गाली गलौज करते हुए सिर और अन्य स्थानों पर काफी चोटें आई, लोहे के राड, लाठी डंडा, लात घूसों से मारने लगें। नगर थाने में उक्त लोगों खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर छानबीन कर रही है।
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