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आठ लाख का तालाब डुबोने वाले सचिव और टीए को नोटिस

आठ लाख का तालाब डुबोने वाले सचिव और टीए को नोटिस

-आडिट टीम की रिपोर्ट पर डीपीआरओ ने विकास खंड दुबौलिया के ग्राम पंचायत पिठिया लस्करी के ग्राम विकास अधिकारी विनय कुमार शुक्ल और तकनीकी सहायक राकेश कुमार दूबे को थमाया नोटिस

बस्ती। आठ लाख के चार तालाब को बाढ़ में डुबाकर धन का बंदरबांट करने वाले ग्राम विकास अधिकारी विनय कुमार शुक्ल और तकनीकी सहायक राकेश कुमार दूबे को आडिट टीम की रिपोर्ट पर प्रभारी डीपीआरओ ने नोटिस थमाया है। यह नोटिस ग्राम पंचायत के विकास कार्यो में अनियमितता का आरोप साबित होने के बद दिया गया। अगर मामला मैनेज नहीं हुआ तो तालाब डुबोने वाले बच नहीं पाएगे। तालाब के अतिरिक्त मनरेगा के तहत खेतों का समतलीकरण, पशुषेड और नाली निर्माण में भी दोषी पाए गए। यह भ्रष्टाचारी कागजों में अनेक व्यक्तिगत तालाब की खुदाई दिखाकर लाखों तो हजम कर लिया। जब जांच हुई तो कह दिया कि बाढ़ में बह गया। जब कि खेत का मालिक चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है, कि साहब हमने किसी तालाब की खुदाई के लिए न तो आवेदन किया और न सहमति पत्र ही दिया। बाढ़ प्रभावित इलाकों के भ्रष्टाचारियों ने तालाब की खुदाई के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट करने का नया तरीका इजाद किया है। इसी तरह की चोरी विकास खंड दुबौलिया के ग्राम पंचायत पिठिया लस्करी में आडिट टीम ने जांच के दौरान पकड़ी। इस ग्राम पंचायत में चार तालाब की खुदाई एवं सफाई के नाम पर आठ लाख का फर्जीवाड़ा सभी ने मिलकर कर लिया। वैसे इस ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार की लिस्ट लंबी है, इस लिए आज हम आपको सिर्फ बाढ़ में बहने वाले चार तालाबों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका अस्तित्व ही जांच में नहीं मिला। भ्रष्टाचार करने का यह एक नायाब तरीका भ्रष्टाचारियों ने ढूढ़ निकाला है। इस ग्राम पंचायत के तालाब के भ्रष्टाचार की पोल कभी न खुलती अगर शिकायतकर्त्ता संतोष कुमार यादव पुत्र हृदय राम यादव सामने न आते और डीएम से शिकायत न करते। दो दिन पहले जनसूचना अधिकार के तहत सुशील कुमार पुत्र राम लुटावन को मिली जानकारी के अनुसार जिला लेखा परीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सिंह और जेई पीडब्लूडी श्रीकांत वर्मा ने 27 मार्च 25 को डीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायत पिठिया लस्करी का स्थलीय निरीक्षण किया। शिकायत में हरीराम के खेत में व्यक्तिगत तालाब की खुदाई के नाम पर सरकारी धन निकाला गया, स्थलीय निरीक्षण में पाया गया, कि खेत में कोई तालाब की खुदाई नहीं हुई, और न ही खेत मालिक ने कभी आवेदन ही किया, सहमति पत्र भी नहीं दिया, फिर भी 140367 रुपया निकाल लिया लिया, प्रधान और सचिव ने बताया कि तालाब बाढ़ में बह गया। इसी तरह की शिकायत बदलू के खेत में व्यक्तिगत तालाब खुदाने और धन का बंदरबांट करने की शिकायत हुई, यहां पर भी जांच में तालाब की खुदाई का नामोनिशान तक नहीं मिला, फिर भी 166353 रुपया निकाल लिया, कह दिया कि क्या करें साहब तालाब ही बाढ़ में बह गया। यहां पर भी खेत के मालिक ने कोई आवेदन नहीं किया। तीसरा तालाब बदरी के खेत में दिखाकर 132273 रुपया हड़प लिया, बता दिया कि तालाब बाढ़ में बह गया। चौथा तालाब बरम बाबा के स्थान के बगल में तालाब की खुदाई और सफाई के नाम पर 358905 रुपया गबन की लिया। प्रधान और सचिव ने बताया कि तालाब दूसरे स्थान पर है। इस पर शिकायतकर्त्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बरमबाबा के बगल न होकर बंधे के बगल स्थित है। वह स्थान बंधा निर्माण एवं बाद में मरम्मत के निकाली गई मिटटी के कारण गहरा हो गया, और प्रधान एवं सचिव उसे तालाब की खुदाई और सफाई बता रहे हैं।

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