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28 मई को दो भाजपाईयों ने शिकायत किया, चार जून को माला पहन लिया

28 मई को दो भाजपाईयों ने शिकायत किया, चार जून को माला पहन लिया

बस्ती। गायघाट सीएचसी कें एमओआईसी डा. फैज वारिश को यूंही नहीं मैनेज का गुरु कहा जाता है। इनके मैनेज का ही कमाल है, कि इस क्षेत्र के न तो पत्रकार और न कोई भाजपाई डाक्टर के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है। अगर कोई उठाता भी है, तो उसकी आवाज एक सप्ताह में दब जाती है। अब हम आपको क्षेत्र के दो भाजपाईयों का सच बताने जा रहे हैं, षिकायत करने से इन दोनों को डा. फैज चोर, बेईमान ओश्र मरीजों का खून चुसवा वाला डाक्टर नजर आ रहे हैं, लेकिन जैसे ही डाक्टर ने इन्हें मैनेज किया, इन दोनों को डाक्टर फैज भगवान नजर आने लगे। एक का नाम हैं रवि पांडेय और दूसरे का प्रद्युम्न शुक्ल यह जिला कार्यसमिति भाजपा युवा मोर्चा के महादेवा विधानसभा प्रभारी है। यह दोनों 28 मई 25 को डीएम से मिले और मिलने का फोटो भी वायरल किया। दोनों ने सीएचसी गायघाट के एमओआईसी डा. फैज वारिश के खिलाफ एक शिकायत पत्र दिया, जिसमें डाक्टर की मिली भगत से अस्पताल के सामने अवैध रुप से मेडिकल स्टोर चलाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गरीबों को निःशुल्क दवा दे रही है, लेकिन डा. फैज नीजि लाभ के लिए बाहर की दवाएं लिखते है। शिकायत करने पर डाक्टर और मेडिकल स्टोर्स के पक्ष में जांच अधिकारियों के द्वारा डाक्टर और मेडिकल स्टोर्स के संचालक के पक्ष में रिपोर्ट लगवा कर लीपा पोती कर देते हैं। जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। दोनों भाजपाईयों ने जिला स्तरीय टीम गठित करने की मांग की, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब मरीजों को मिल सके। अब आ जाइए, भाजपाईयों के असलियत पर। डीएम ने टीम गठन किया, जैसे ही दोनों ने डीएम से मिलने और शिकायत करने वाला फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया, वैसे ही मैनेज गुरु मैनेज करने में लग गए, और सफल भी हुए। अब हम आपको एक और सच बताने जा रहे है। शिकायत 28 मई 25 को हुई, और चार जून 25 को प्रद्युम्न शुक्ल सोनू ने सोशल मीडिया पर एक फोटो के साथ पोस्ट किया, जिसमें दोनों को डा. फैज के द्वारा माला पहनाया गया, और लिखा कि डीएम से शिकायत के बाद डाक्टर फैज वारिश एमओआईसी के द्वारा तत्काल बाहर की दवाईयों पर अंकुश लगाने का आष्वासन दिया गया और कहा गया कि भविष्य में ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। डा. फैज के द्वारा रवि पांडेय बीडीसी के हाथों अस्पताल में सीबीसी मशीन पैथालाजी का उदघाटन भी कराया। अब आप समझ सकते हैं, कि अगर डा. फैज गरीब मरीजों का खून चूस रहे हैं, तो उसका जिम्मेदार कौन? दोनों भाजपाई या फिर वो पत्रकार जो चुप है। अगर भाजपा के लोग मैनेज होने लगेंगे तो फिर उनके सरकार के उस मंशा का क्या होगा, जो गरीबों को निःशुल्क दवाएं सहित अन्य सुविधा उपलब्ध करा रही है, लेकिन डाक्टर फैज जैसे न जाने कितने डाक्टर सुविधा के नाम पर धन तिजोरी भर रहे है। कहना गलत नहीं होगा, कि दोषी डाक्टर नहीं, बल्कि दोनों शिकायतकर्त्ता।

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